मोर गांव मोर पानी महाभियान के तहत जल संरक्षण की अनूठी पहल

रायपुर : सरगुजा जिले में मोर गांव मोर पानी महाभियान के तहत जल संरक्षण और भू.जल स्तर को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर विलास भोसकर और जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में मनरेगा योजना के तहत जल संवर्धन के लिए विभिन्न संरचनाओं का निर्माण तेज गति से जारी है।
जनपद पंचायत उदयपुर के पांच पंचायतों में पलकाए फुलचूहीए रिखीए ललाती और केसमा इस महाभियान का केंद्र बनी हैं। यहां पहाड़ी ढलानों पर कुल 125 संरचनाएं बनाई जा रही हैंए जिनमें स्ट्रेगर ट्रेंचए कंटूर ट्रेंचए वाटर एब्जॉरप्शन ट्रेंचए लूज बोल्डर चेक डैमए गली प्लग और डबरी शामिल हैं। इन संरचनाओं का मुख्य उद्देश्य बरसात के मौसम में नालों के माध्यम से बहकर व्यर्थ जाने वाले पानी को रोकना और उसे धरती में समाहित कर भू.जल स्तर को बढ़ाना है।
GIS तकनीक से वैज्ञानिक प्लानिंग
इन कार्यों की योजना बनाने और कार्यान्वयन में आधुनिक GIS तकनीक ;जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टमद्ध का उपयोग किया जा रहा है। GIS तकनीक की मदद से रिज टू वैली ;पहाड़ी की चोटी से घाटी तकद्ध सिद्धांत पर आधारित स्ट्रक्चर्स की प्लानिंग की गई है ताकि बारिश का पानी व्यवस्थित तरीके से संरचनाओं में एकत्र हो और अधिकतम जल संचयन हो सके।
मिट्टी कटाव पर भी लगेगा अंकुश
पूर्व में इन क्षेत्रों में वर्षाजल के बहाव से बड़े पैमाने पर मिट्टी कटाव की समस्या उत्पन्न होती थी। अब इन संरचनाओं के निर्माण से न केवल जल संरक्षण होगा बल्कि मिट्टी कटाव की समस्या पर भी स्थायी समाधान मिलेगा। इन संरचनाओं से नालों का बहाव धीमा होगा और पानी धीरे.धीरे भूमि में रिसकर भू.जल भंडार को समृद्ध करेगा।
ग्रामीणों में उत्साहए प्रशासन को धन्यवाद
इस महाभियान से ग्रामीणों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य उनके गांवों की जल समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि इन कार्यों से आने वाले वर्षों में सिंचाईए पीने के पानी और पर्यावरण संरक्षण में बड़े बदलाव दिखेंगे।
प्रशासन की प्राथमिकताः जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा
कलेक्टर विलास भोसकर ने मार्गदर्शन में मोर गांव मोर पानी महाभियान के तहत जिले में जल संरक्षण की दिशा में हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि यह अभियान जिले में जल संकट दूर करने में मील का पत्थर साबित हो। जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण जनसहभागिता से किया जा रहा है ताकि लोगों में भी जल के प्रति जागरूकता बढ़े और वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं।