डिस्मेंटल कब्रस्तान में नियम विपरीत मुर्दे भी दफना रहे हैं और व्यवसाय उपयोग भी कर रहे हैं सारा मामला है 420 और 120बी का
रामपुरा अविभाजित मंदसौर जिले के कलेक्टर एसी राय ने 25/4/61 को नगर के मध्य स्थित समस्त कब्रिस्तान को बंद कर डिस्मेंटल घोषित कर दिया और यहां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के कारण मुर्दे दफना बंद करने के आदेश जारी कर दिए थे जो आज भी बंद है लेकिन सर्वे नंबर 6354 जो कि बौद्धी बोहरा समाज के नाम पर दर्ज है 1961 से लेकर आज तक बोहरा समाज इस कब्रिस्तान में बेधड़क मुर्दे दफनाने का कार्य करती चली आ रही है जो कि शासन के नियमों का खुला उल्लंघन है और नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है मुर्दे भी दफ़ना रहे हैं और कब्रिस्तान का व्यवसाय उपयोग भी कर रहे हैं कुछ वर्ष पूर्व इसी सर्वे नंबर पर दुकान निर्माण की गई तथा वर्तमान में भी 5 दुकानों का निर्माण गुपचुप तरीके से किया गया यह सारा मामला भारतीय दंड विधान की धारा 420 व 120बी का स्पष्ट रूप से मामला प्रमाणित होता है दुकान निर्माण के लिए जो शपथ पत्र तैयार किया गया वह मानसा के एडवोकेट नोटरी दिनेश व्यास के माध्यम से तैयार किया गया जब की रामपुरा नगर में 2 नोटरी है मनासा इसलिए लागू किया गया है जो की वास्तविक ब्लॉक के विपरीत, यह शपथ पत्र तैयार किया गया है, सर्वे संख्या 6354 को विघटित कर दिया गया है, इसका उल्लेख शपथ पत्र में नहीं किया गया है और इस शपथ पत्र में यह दर्शाया गया है कि सियावी बोहरा सैयदी बावा मुल्ला खान साहेब दा मुतलक़ मुफद्दल सैफुददीन साहेब के मालिक स्वामित्व एवं कब्जे अधिपति का दुकान मकान रामपुरा नगर के रामद्वारा रोड पर वार्ड क्रमांक 9 में स्थित है, जिसका नगर पंचायत सर्वे संख्या 6364 रह का नगर परिषद रिकॉर्ड में सियावी बोहरा सैयदी बाबा मुल्ला खान साहेब दा मुतलक़ मुफद्दल सैफुददीन साहेब के नाम पर दर्ज है, जो कि वास्तविक ब्लॉक और श्मशान का स्वामित्व किसी व्यक्ति और समाज का नहीं रहता है, इसका स्वामित्व शासन का रहता है और उपयोग के लिए इसे प्रदान किया जाता है पत्र 29/9/2022 को किया गया और 13/10/2023 को निर्माण अनुमति का आवेदन प्रस्तुत किया गया और एक वर्ष 20 दिन बाद सीएमओ और दरगाह मैनेजर ने कुट रचनाकार को इस विघटित कब्रिस्तान वाले सर्वे नंबर पर अनुमति जारी करने की पूरी प्रक्रिया भारतीय दंड विधान की धारा 420 और 120 बी का निर्माण है लेकिन प्रशासन अब तक मौन है। इस कारण मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रदेश के मुख्य सचिव गृह सचिव स्थानीय प्रशासन को पार्टी बनाकर याचिका दायर की जा रही है और याचिका के निर्णय पर ही दरगाह मैनेजर और सीएमओ पर 420 120 बी का अपराध भी दर्ज होगा और जेल भी जाना पड़ेगा और समस्त निर्माण कार्य टूटेंगे यह कटु सत्य है निष्पक्ष आवाज से तारिका राठौर की रिपोर्ट मो. 8085637012✍️✍️