रामपुरा 

23 करोड़ शासन के और 10 करोड़ नगरी प्रशासन के इस प्रकार 33 करोड़ रुपए की पेयजल योजना जो की पूर्ण रूप से बंद पड़ी हुई है और ना नगर पंचायत को हैंड ओवर हुई है शासन के करोड़ों रुपए इस योजना में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए जबकि इस योजना की कोई नगर में आवश्यकता ही नहीं थी क्योंकि इस नगर में 1970 में ही पूर्व मंत्री और सांसद श्री बालकवि बैरागी ने नल जल योजना स्थापित करा दी थी तब से लेकर आज तक नलजल योजना सुचारू रूप से संचालित है । जब नवीन जल योजना की आवश्यकता ही नहीं थी तो नवीन जल योजना यहां कैसे स्वीकृत हुई और कैसे लाई गई यह भी एक गंभीर जांच का विषय है शासन के करोड़ों रुपए बर्बाद हुए यहां के बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि इस राशि से यहां रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उद्योग स्थापित हो जाते तो यहां के लोगों को रोजगार के लिए शहर के बाहर नहीं जाना पड़ता हम आप को यह बता देना चाहते हैं कृषि मजदूरी के लिए प्रतिदिन महिलाएं 8 बजे से लेकर 9:30 बजे के बीच । ट्रैक्टर और यात्री बसों से पास के गांव में कृषि मजदूरी करने जाती है करोड़ों रुपए की भेंट चढ़ी राशि से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता था नलजल योजना करोड़ों रुपए की राशि भी भ्रष्टाचार की भेट चढ़ी। यशवंत करेल और ज्योति यशवंत करेल अध्यक्षीय कार्यकाल में जो नगर में जो सीमेंट कांक्रेट रोड़ बनाए गए थे और संपूर्ण नगर में आवागमन सुन्दर और आकर्षक बना दिया था इस नवीन पेयजल योजना के गुणवत्ता वहींन पाइप डालने के नाम पर जो रोड़ खोदे गए उससे संपूर्ण रोड़ नष्ट हो गया और आज आवागमन इतना बाधित हो गया की पैदल चलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है निष्पक्ष आवाज से तारिका राठौर कि रिपोर्ट मो...8085637012🖊️🖊️🖊️