रामपुरा एक चौंकाने वाली और गंभीर लापरवाही की जानकारी हमें प्रमाणित रूप से प्राप्त हुई है कोरोना कल काफी भयानक और भय युक्त काल रहा कोरोना काल में कोरोना से प्रभावित लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराने से लोग ड़रते थे लोगों में संदेह था की भर्ती कराए गए मरीज का शव ही प्राप्त होगा और शरीर के महत्वपूर्ण अंग निकाल लिए जाएंगे और ऐसा हुआ भी कोरोना के वैक्सीन टीके लगाने के मामले में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई थी वैक्सीन लगाने के कारण ही बीमारीया बड़ी और कमीशन खोरी के आधार पर इनकी खरीदी हुई कोरोना की महामारी के दूसरी लहर के दौरान सरकार ने जो रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे वो दो साल पहले2023 में एक्सपायर हो चुके थे इसके बाद भी पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन ने इन्हें नष्ट करने की कार्रवाई की बल्कि यह जी गोदाम में रखे थे उनका ₹6 लाख सालाना के हिसाब से किराया चुकाया 3 साल तक गोदाम का 18 लाख रुपए किराया देने के बाद पब्लिक हेल्थ कार्पोरेशन के जिम्मेदार जागे उन्होंने इसी साल मार्च में गोदाम को खाली कर 17 करोड रुपए कीमत के 1लाख 33 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन को गुपचुप तरीके से नष्ट कर दिया जब यह एक्सपायर हो गए तो एक्सपायरी डेट इंजेक्शन को 3 साल तक गोदाम में क्यों रखा गया था इसे लेकर जब जिम्मेदारों से बात की तो वह इन सवालों का जवाब देने से बचते रहे वही एक्सपर्ट का कहना है की एक्सपायर होने से पहले इनका इस्तेमाल किया जा सकता था पब्लिक हेल्थ कॉपोरेशन ने इसमें लापरवाही बरती हेल्थ एक्टिविस्ट बोले अफसरों ने की मनमानी स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले प्रदीप खंडेलवाल कहते हैं कि एमपी हेल्थ कॉपोरेशन खुद दवाई नहीं खरीदना बल्कि कॉपोरेशन ने एक पोर्टल बनाया था जिस सरकारी अस्पताल को दवा की जरूरत होती थी वह पोर्टल के माध्यम से इसकी खरीदी करता है और कंपनी को भुगतान होता है कोरोना कल में सारे नियमों को तोड़कर अफसर ने मनमाने तरीके से दवाइयां की खरीदी की थी उसे समय बजट भी अधिकारियों के हाथ में ही था लिहाजा उन्होंने कंपनियों को भुगतान भी कर दिया इस प्रकार 2लाख 41 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार की नौकरशाही भय मुफ्त होकर में इस रेमडेसिविर 17 करोड़ कीमत के 1 लाख 33हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन को गुपचुप तरीके से नष्ट किया और इनको संभाल कर रखने के लिए गोदाम का किराया 18 लाख का भी चुकाया निष्पक्ष आवाज से तारिका राठौर कि रिपोर्ट मो.8085637012🖊️🖊️