बिना कलेक्टर महोदय की लिखित अनुमति के किसानों को इमोशनल ब्लैकमेल कर चंदा प्राप्त कर कृषि उपज मंडी में निर्माण हो रहा है

रामपुरा कृषि उपज मंडी इन दिनों खरबूजे के बीज की एकमात्र मंडी बन गई है अविभाजित मंदसौर जिले के किसान और राजस्थान के किसान यहां पर खरबूजे के बीजों की बिक्री बोरीया भर भर कर बिक्री तूला रहे हैं यह सिलसिला लगभग दो महा से चल रहा है हालांकि बीच-बीच में छुट्टियों का दौर भी होता है लेकीन एक बड़ा विचित्र मामला सामने आया है मंडी प्रागराण में बजरंगबली के मंदिर के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है इसमें किसानों कि सहभागिता निभाने के इमोशनल ब्लैकमेल कर चंदा लिया जा रहा है व्यापारी सबसे पहले किसानों के बीजों का ढ़ेरा लगाते हैं और फिर बोली लगाने के पहले मेरे के आकार के अनुरूप 3100- 2100 -1100 -500 तक का चंदा तय करते हैं फिर बजरंगबली की जय कर का नारा लगवाते हैं चंदा तय कर निलामी बोली लगाते हैं अब हम आप को यह भी बता देना चाहते हैं हम भी बजरंगबली के भक्त है और मंदिर बने इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन बस स्टैंड से मंडी जाने वाले मार्ग पर 2 प्रसिद्ध बजरंगबली के मंदिर है और मंडी प्रांगण में बजरंगबली का मंदिर बने इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकीन शासन के नियमानुसार किसी भी नवीन धार्मिक स्थान निर्माण के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार जिला कलेक्टर से लिखित अनुमति प्राप्त करने के पश्चात निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकता है लेकीन यहां तो मंडी प्रशासन की भी अनुमति नहीं ली गई और ना ही कलेक्टर महोदय की अनुमति ली गई और किसानों से इमोशनल ब्लैकमेल कर मंदिर का निर्माण किया जा रहा है यह कहा की धार्मिकता है और यह क्या न्याय उचित है किसान अपनी उपज बड़ी मुश्किल से तैयार करता है और फिर मंडी में लाता है और उपज बेचकर उसके पास पैसा आता है और उससे वह अपने परिवार का पालन पोषण करता है अब यहां तो व्यापारी किसानो की उपज बेचकर दुगना तिगुना लाभ कमा रहे हैं अगर मंदिर बनना ही है तो व्यापारी अपने द्वारा अर्जित लाभ से मन्दिर क्यों नहीं बना रहे है और नियम अनुसार मंडी प्रशासन एवं कलेक्टर महोदय की लिखित अनुमति के बाद क्यों नहीं बनाया जा रहा है एक और गंभीर मामला है किसानों के साथ यहां के एक व्यापारी द्वारा खरबूजे की बीजों के तौल में गड़बड़ करने का मामला भी निष्पक्ष आवाज को लिखित रूप से प्राप्त हुआ है किसान अपने घर से -3 क्विंटल 20किलो खरबूजे के 20 तौल के लाया मंडी में आकर ढ़ेर लगाए और फिर इसका तौल किया तो 2 क्विंटल 90 किलो बीज ही निकला अर्थात 30 किलो का चुना लगाने का प्रयास किसान के साथ किया गया जिस पर किसान द्वारा व्यापारी को घर से तोलने की बात कही और वजन बताया और 30 किलो कम कैसे हुआ इस पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए तब व्यापारी कापा और 30 किलो वजन और बढ़ गया उससे तो स्पष्ट है की एक व्यापारी द्वारा एक किसान से 30 किलो की गड़बड़ की जा रही थी तो अब तक कितने किसान ठगे गए और कितनी तोल में गड़बड़ी हुई और कितने समय से हुई यह जांच का विषय मंडी प्रशासन का था तो मंडी प्रशासन ने इस प्रकार की लापरवाही क्यों होने दी यह तो एक व्यापारी का मामला सामने आया है क्या एक व्यापारी की ग़लती कारण सभी व्यापारी को संदेह के घेरे में ला कर खड़ा कर दिया व्यापारी के नाम का खुलासा शीघ्र निष्पक्ष आवाज से तारिका राठौर कि रिपोर्ट मो...8085637012🖊️🖊️🖊️