गोरख धंधे शब्द का प्रयोग आम बोलचाल की भाषा में और लिखने पढ़ने में प्रेस परिषद को पत्रकारों को लिखो को बंद कर देना चाहिए क्योंकि नाथ संप्रदाय के गुरु गोरखनाथ जी द्वारा की गई रोक क्रिया को गोरख धंधा करते हैं इसलिए इस शब्द का उपयोग किया जाना नाथ संप्रदाय को आहत पहुंचाने जैसा है निष्पक्ष आवाज द्वारा भी अवैध गुटीयो के समाचार में इस शब्द का प्रयोग किया गया था जिसका हमें खेद है नाथ संप्रदाय कि भावनाओं को आहत पहुंची इसके लिए हमें दुख है निष्पक्ष आवाज का उद्देश्य उनकी भावनाओं को टेस्ट पहुंचाना नहीं था नाथ संप्रदाय का प्रारंभिक इतिहास प्रस्तुत है 
गुरु गोरखनाथ जी महाराज भगवान शिव के ज्योति स्वरूप अवतार है जिन्होंने स्वयं भोलेनाथ ने गोरखनाथ जी का अवतार लिया है और समूचे भारत और भारत ही नहीं विश्व में जिसे नेपाल चीन बलूचिस्तान तिब्बत म्यांमार बांग्लादेश और पाकिस्तान आदि कई देशों में अष्टांग योग हठयोगी मार्ग बताया है और योग परंपरा गुरु गोरखनाथ जी महाराज की ही देन है यानी कि जितना भगवान शिव पुराण है उतना ही नाथ संप्रदाय पुराना है उन्होंने संसार को एक अच्छा संदेश दिया है और योग मार्ग द्वारा किया के अंदर जब वह आध्यात्मिक खोज होती है उसे बाहर समझने के लिए एक लोहे का जंजीरा जिसे ढंडारी बोला जाता था जिसमें नौकरियां लगी हुई होती है वह अन्य किसी के समझ में ना आने से उसे गोरख धंदा ऐसा कहा गया अब बात धीरे-धीरे आमजन में कहीं पर भी अवैध या गलत कार्य होता है वहां पर गोरख धंधा शब्द प्रयोग किया जाता है जिससे समस्त गुरु गोरखनाथ जी महाराज के अनुयायियों व नाथ संप्रदाय में एक विशेष रोज व्याप्त होता है अर्थात जिन महापुरुष ने इतना बड़ा योगदान दिया और योग मार्ग विश्व को दिखाया है उनके प्रति गोरख धंधा शब्द प्रयोग करना लिखना वह बोलना नींद नहीं कार्य है अर्थ टी यह शब्द कहीं पर भी नहीं बोला जाए वह लिखा जाए आप कहीं पर भी अवैध कार्य या अवैध धंधा कुछ भी लिख सकते हैं ऐसा नहीं लिखा जाए ताकि जनमानस में आराध्य देव गुरु गोरखनाथ जी के प्रति सच्ची भावना हमेशा बनी रहे  उक्त जानकारी योगी लकी नाथ जी ने बताई गोरख धंधा शब्द नहीं लिखा जाए और ना ही बोला जाए निष्पक्ष आवाज से तारिका राठौर कि रिपोर्ट मो..8085637812🖊️🖊️🖊️