रामपुरा नगर को बसाने वाले प्रथम राजा रामभील की मूर्ति होगी स्थापित स्थान चयन की प्रक्रिया प्रारंभ

रामपुरा सातवीं सदी से पूर्व इस जिले का इतिहास प्रज्ञाप्त है सातवीं सदी में यहां जैन प्रोरबुद्ध धर्म का प्रचार था जो प्राय 200 वर्ष तक रहा कोला डोगर के चैत्य धर्म राजेश्वर का मंदिर कलवा के मंदिर प्राज भी इसके साक्षी है मनौटो की खुदाई से भी इसके प्रमाण उपलब्ध है उस कल में यहां धर्म संस्कृति विद्या की बड़ी उन्नति हुई खड़ावदा और पातोसा की बावड़ियों के शीलालेख तत्कालीन उन्नत मनोवृति के सूचक है 13 वी सादी से पूर्व तक यहां परंपरा राजाओं का प्रभुत्व रहा मोडी़ ग्राम में प्राप्त 1341 के शिलालेख से इसका प्रमाण मिलता है चंद्रावतो के शासन से पहले यहां भीलों के छोटे-मोटे संस्थान थे जो स्वतंत्र इकाइयों के रूप में राज्य करते थे रामपुरा को बसाने वाला प्रथम राजा राम भील था उससे पूर्व यह परमारो के और तदन्तर मालवे की सूबेदारी जो मांडव में थी ये लोग मांडव सुल्तान को कर देते थे स्वतंत्र संस्थान स्थापित किया था पर जैसा की ऊपर कहा जा चुका है रामपुरा नगर को बसाने वाले राम भील की मूर्ति लगाने के लिए स्थान की चयन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई विगत दिनों भील समाज की रैली में इस आशा की घोषणा लोकप्रिय विधायक श्री माधव जी मारु ने की है हम चरणवध प्रस्तुत कर रहे हैं रामपुरा का इतिहास पडते रही ये निष्पक्ष आवाज मो.. 8085637012🖊️🖊️