काम कराना है श्रमिकों से लेकिन करवाया जा रहा है जेसीपी से भ्रष्टाचार का इतिहास रच रहे हैं वन परिश्रेत्र अधिकारी उच्च अधिकारियों को गुमराह करने में भी है माहीर

रामपुरा वन परिश्रेत्र के वन अधिकारी भानु प्रताप सिंह बड़े चतुर चालाक और कुशाग्र बुद्धि के धनी वे शासन के नियमों को ताक में रख कर उच्च अधिकारियों को गुमराह करने में माहिर है बीते दिनों कछुआ बिक्री का मामला प्रमाणित होने के बाद भी भारी लेन देन कर आरोपी को बचाने में सफल रहे और उच्च अधिकारियों को गुमराह कर दिया इसी प्रकार भदाना के अमरगढ़ में वन विभाग के पत्थर की बनी दीवार सरे आम बेच दी हजारों पेड़ काट दिए इस मामले को भी दबाने में अब तक सफल दिखाई दे रहे हैं अभी हाल ही में वर्तमान में लेक्यु गार्डन में काम करने के लिए 70 लाख का बजट प्राप्त हुआ नियमानुसार यह कार्य श्रमिकों से करवाना आवश्यक है ताकि श्रमिकों को मजदूरी प्राप्त हो श्रमिकों से काम नहीं कराते हुए अपने निजी हितों को साधने के लिए जेसीबी से करवा रहे हैं जबकि यह नियमों के विपरीत है लेकिन नियमों का पालन वन परिश्रेत्र अधिकारी हमेशा ताक में रखकर ही करते हैं अभी तो मात्र कुछ कार्य किया गया है आगे रेंजर साहब क्या गुल खिलाते इस पर निष्पक्ष आवाज की पैनी नजर है पाठकों को हम समय पर अवगत कराएंगे वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ध्यान दें निष्पक्ष आवाज से तारीका राठौर कि रिपोर्ट 🖊️🖊️मो .8085637012