रामपुरा नगर को शासन ने अति संवेदनशील नगर मान रखा है इस कारण प्रत्येक त्योहार पर तथा किसी भी कार्यक्रम पर भारी पुलिस बल को यहां तैनात किया जाता है जबकि वास्तविक स्थिति यह है प्रशासन और राजनीतिज्ञों ने अपनी सुविधा के लिए इस नगर को अति संवेदनशील बना रखा है निष्पक्ष आवाज शासन के दस्तावेजों के आधार पर अति संवेदनशील इस नगर को क्यों बना रखा है इसके प्रमाण सहित आपको जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं अविभाजित मंदसौर जिले के कलेक्टर महोदय एसी राय ने दिनांक 25/4/1961 के आदेश क्रमांक 2361571221रामपुरा नगर के मध्य आबादी क्षेत्र मध्य स्थित सर्वे नंबर 3888,389,4300 रवेन्यू सर्वे नंबर1242 तथा 6354,6358,1265, स्थित कब्र स्थान को हानिकारक मानते हुए उक्त सभी कब्र स्थान को बंद कर धारा 172 नगर पालिका विधान सन् 1954 मैं पदक अधिकार के अनुसार उक्त कब्र स्थान का स्वामित्व नगर पालिका रामपुरा को सौंपता है तथा इसकी एवज में कब्रस्तान के लिए सर्वे नंबर 175711में से 5 एकड़ भूमि कब्रस्तान को प्रदान कर दी गई लेकिन आश्चर्य की बात है की 1961 से लेकर आज तक नगर की आबादी के मध्य स्थित इन कब्रस्तानों को डिस्मेंटल घोषित कर दिया तथा इसका स्वामित्व भी नगर पंचायत को सौंप दिया लेकिन 61से लेकर अब तक रहे अध्यक्ष और नगर पंचायत का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्षद और प्रशासनिक अधिकारियों ने विधिवत रूप से कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की और समय-समय इस कब्रस्तान की भूमि को लेकर विवाद होते रहते हैं समाज विशेष अपना अधिकार बताता है और नगर पंचायत हाथ पै हाथ लेकर खड़ी रहती है सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है की सर्वे नंबर 6354,6356, जो की दाऊदी बोहरा समाज का डिस्मेंटल कब्रस्तान है इस भूमि को दाऊदी बोहरा समाज के दरगाह के मैनेजर ने ऊंची ऊंची चार दीवार बनाकर डिस्मेंटल घोषित कब्रस्तान को घेर रखा है और वर्तमान में भी नियम विपरीत यहां पर मुर्दे दफनाने का कार्य जारी है इस डिस्मेंटल कब्रस्तान का अंतिम छोर नगर के मुख्य मार्ग नगर के चामुंडा माता रोड़ पर आता है अब इनकी हिम्मत देखिए यहां अंदर ही अंदर दुकानों का निर्माण किया गया डिस्मेंटल कब्रस्तान को घेरने वाली दीवार को तोड़ दुकानों का प्रकट उत्सव हुआ जबकि निर्माण ही विधिवत होता तो कब्रस्तान की भूमिका डारवेशन करना था और डारवेशन होता कैसे क्योंकि स्वामित्व बोहरा समाज का नहीं है और ना ही दरगाह मैनेजर का है अब यह सारा खेल नगर पंचायत से मिली भगत कर किया गया और नगर पंचायत ने दरगाह मैनेजर मोहम्मद भाई हकीमुद्दीन लोखण्डवाला के शपथ पत्र के आधार पर डिस्मेंटल कब्रस्तान की भूमि को दरगाह की भूमि बात कर दुकाने निर्माण की अनुमत मांगी और नगर पंचायत ने गुपचुप तरीके से निर्माण के बाद 29/9/2022 को फर्जी और असत्य शपथ पत्र के आधार पर निर्माण अनुमति जारी की जिसका रिकॉर्ड रजिस्टर पेज नंबर 535 पर दर्ज किया गया जहां दुकानें निर्माण की गई वह डिस्मेंटल कब्रस्तान है और इसका स्वामित्व नगर पंचायत को सौंप रखा है मैनेजर के असत्य शपथ पत्र पर दुकानें निर्माण के बाद अनुमति देना नगर पंचायत के सीएमओ और दरगाह मैनेजर का 420 का स्पष्ट परिणाम है नगर के मध्य डिस्मेंटल घोषित कर दिए गए सभी कब्रस्तान की भूमिया नगर के मध्य होने से बहुमूल्य होकर सार्वजनिक उपयोग के उपभोग की है इसी कारण शासन ने इन भूमियों को नगर पंचायत का स्वामित्व घोषित कर दिया गया है लेकिन राजनीतिक दृढ़ इच्छा शक्ति नहीं होने के कारण इन भूमियों पर नगर पंचायत अपना कब्जा अब तक नहीं कर पाई है और इस प्रकार समाज विशेष के लोग इन भूमियों का व्यवसाय उपयोग कर रहे हैं और यही कारण है रामपुरा के अति संवेदनशील बनाए रखने का जिस प्रकार दरगाह मैनेजर ने अवैध रूप से दुकानों का निर्माण किया उसी प्रकार लालबाग में भी दुकान निर्माण करने की साजिश हो रही है बस यही साजिश आगामी विवाद का जड़ होगी जिला प्रशासन और शासन को चाहिए कि इस और शीघ्र ध्यान दें और अवैध रूप से की गई निर्मित दुकानें नगर पंचायत अपने कब्जे में ले और कलेक्टर महोदय को चाहिए कि सीएमओ रामपुरा को तत्काल निलंबित करें ताकि आगे से ऐसी अवैधानिकता नहीं करें और विधि अनुरूप कलेक्टर महोदय को चाहिए की दरगाह मैनेजर और सीएमओ के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420 का अपराध दर्ज का

कराए शान हित में होगा फैसला निष्पक्ष आवाज से तारीका राठौर की रिपोर्ट मो.8085637012✍️✍️