नगर परिषद की लापरवाही से कुत्ते बने रामपुरा के राजा।

जिस प्रकार जंगल का राजा शेर होता है उसी प्रकार रामपुरा के राजा कुत्ते बन गए हैं आवारा कुत्तों की स्थिति यह है 10-15 कुत्तों का झुंड प्रत्येक चौराहे पर देखा जा सकता जिसके कारण छात्र-छात्राओं आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है कुत्तों के ड़र से बच्चे इधर-उधर भागते फिरते रहते हैं कुत्ते ही नहीं सूअर आवारा सांड गाय बैल गधे यह सब नगर की सड़कों पर स्वच्छंद विचरण करते रहते हैं जिससे आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है अब स्थिति यह बन गई है कुछ तो सड़कों पर तो ठीक चार पहिया वाहन पर भी सवारी करने लगे हैं लेकिन इस और नगर पंचायत का कोई ध्यान नहीं है आवारा पशुओं के कारण लोगों में भारी रोष है यहां के रिटायर पशु चिकित्स श्री भटनागर जी ने कलेक्टर महोदय को यह प्रस्ताव रख रखा है कि यहां पर आवारा पशुओं के लिए एक स्थान निश्चित कर उनकी सेवा और देखभाल का दायित्व उन्हें सौंप दिया जाए तो वह उपचार सहित अन्य सभी सेवाएं पशुओं की करने के लिए तैयार न तो इस पर नगरपालिका ने ध्यान दिया न कलेक्टर महोदय ने बीते कुछ दिनों पहले कुत्तों और आवारा पशुओं के कारण अनेक दुर्घटना भी घटित हुई है लेकिन जवाबदार अधिकारी का इस पर कोई ध्यान नहीं हैं यह अत्यंत खेद जनक है जबकि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर पंचायत में वहान भी उपलब्ध है लेकिन इन दिनों वह वहान भी कहीं दिखाई नहीं दे रहा है नगर पंचायत को चाहिए कि आवारा पशु के वहान का उपयोग कर नगर को आवारा पशु से मुक्ति दिलाए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की गंभीर घटना घटित नहीं निष्पक्ष आवाज से तारीका राठौर की रिपोर्ट मो.8085637012