रामपुरा के छोटे तालाब को एशिया का सबसे बड़ा मूत्रालय बनाया मुख्यमंत्री जी के जल गंगा अभियान के प्रति रामपुरा नगर परिषद सो रही कुंभकरण की नींद

रामपुरा:-
नमामि गंगे जलसवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार कुएं और बावडीयो की सफाई करा रही हैं और लोगों को प्रेरित कर रही हैं गांव-गांव जल गंगा मिशन के अंतर्गत बैठक आयोजित हो रही हैं और पुराने जल स्रोतों को पुनः जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन रामपुरा नगर के तथाकथित जनप्रतिनिधि और नगर परिषद इस दिशा में कुंभकरण की नींद में सोई हुई है जब की ऐतिहासिक रामपुरा नगर की प्राचीनतम जल दोहन व्यवस्था विश्व की एक अनुपम जल दोहन व्यवस्था है और यहां पर अनेक तालाब,बावड़ियां कुए अनेकों संख्या में हैं नगर पंचायत का इस दिशा में कोई ध्यान नहीं है यहां के जन प्रतिनिधि ने छोटा तालाब को एशिया का सबसे बड़ा मूत्रालय बना रखा है जबकि यह नगर के बीचो-बीच है ऐसा सुंदर और रमणिक तालाब कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा इसके चारों और मंदिर उत्तर में जगदीश मंदिर बलदेव मंदिर दक्षिण में जगनाथ मंदिर पूर्व में मनकामेश्वर मंदिर तथा एक को विश्व प्रसिद्ध बाबा मुला खान साहब की दरगाह है लेकिन इस तालाब को पुनः जीवित करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है नगर परिषद रामपुरा में बड़ा तालाब जिसे दुर्गा सागर तालाब के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसका निर्माण राजा दुर्गभाड़ ने किया था इस तालाब की रिपेयरिंग का काम और तालाब की पाल ठिक करने का कार्य नगर परिषद रामपुरा ने ऐसा अनोखा प्रयोग किया की इस तालाब का क्षेत्रफल कम किया और दादावाड़ी में जाने के लिए तलाब का क्षेत्रफल कम किया जबकि दादावाड़ी में जाने के लिए पूर्व में ही रास्ता था। जबकि नगर परिषद को तालाब को पुनः जीवित करने के लिए जल प्रदूषण कम करने के लिए बायो ट्रीटमेंट एडवांस्ड ऑक्सीडेटिव प्रोसेसिंग अवशिष्ट जल पुनर्चक्रण हेतु मेम्ब्रेन बायोरिएक्टर, नैनो फिल्ट्रेशन करनाचाहिए।
निष्पक्ष आवाज से तारीका राठौर कि रिपोर्ट मो..8085637012🖊️🖊️