रामपुरा वन परिक्षेत्र में कछुए की खरीदी बिक्री हुई उजागर लंबे समय से चल रहा है कछुए कि तस्करी का कारोबार तस्करी में लिप्त पाए गए तथाकथित पत्रकार

रामपुरा हम शुद्ध व सच्चे रूप से प्रत्येक छोटी-बड़ी घटना को निष्पक्ष रूप से लिखते हैं। चाहे सब हमारे विरुद्ध ही क्यों न जाए इससे हमें सच्चाई को और उजागर करने की शक्ति प्राप्त होती हैं कछुआ एक ऐसा जानवर है जो घर में पालने पर दरिद्रता दूर कर धन धान से परिपूर्ण होने की क्षमता पैदा करता है इसी कारण कछुआ आम तौर पर घरों में पाला जाने लगा है रामपुरा वन क्षेत्र में अधिकांश रूप से कछुए पाए जाते हैं इसी प्रकार गांधी सागर बांध में भी पानी के कछुए पाए जाते हैं अभी फिलहाल में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें कछुआ बिक्री और तस्करी का मामला उजागर हुआ और यह किसी व्यक्ति के प्रयास से नहीं हुआ न वन विभाग ने इसमें कोई भूमिका निभाई एक तथाकथित पत्रकार की कार्य प्रणाली ने ही इसे उजागर किया इन विवेक हीन पत्रकार महोदय ने अपने मोबाइल से बकायदा व्हाट्सएप पर दो कछुआ की वीडियो जारी की और बकायदा कछुए बेचने की जानकारी भी लिखी गई ऐसा यह पत्रकार महोदय कब से कर रहे हैं और कितने कछुए बेचे इसकी बकायदा जानकारी विधिवत रूप से पत्रकार महोदय के घर दबीज डालकर कछुओ को जप्त तक करना था तथाकथित पत्रकार महोदय को वन प्राणी अधिनियम की धारा1972,39,50,51, एवं 9-44 के तहत गिरफ्तार किया जाना था और वह कब से कछुए बेचने का कार्य कर रहे हैं और अभी तक कितने कछुए बेच दिए हैं इसकी प्रमाणित जानकारी लेकर वन अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रेषित करना था जो विधि के अनुरूप नहीं किया गया निष्पक्ष आवाज द्वारा इस मामले की जानकारी जिला वन मंडला अधिकारी को उनके मोबाइल पर दी गई उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने अपने कर्तव्य एवं नियमों का पालन करते हुए मनसा के अनुविभागी अधिकारी वन को रामपुरा भेजा रामपुरा के वन परीश्रक अधिकारी ने रात 11:30 बजे पत्रकार महोदय के घर जाकर दर्शन किए लेकीन कछुए जप्त नहीं किये लेकिन पंचनामा बनाया निष्पक्ष आवाज की तारिका राठौर ने वन परीक्षेक अधिकारी से इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि हमने पंचनामा बनाया है और वारेंट भी जारी किया है लेकिन यह समाचार लिखे जाने तक प्रमाणित रूप से किसी भी प्रकार की वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई जिला वन मंडला अधिकारी महोदय को सायं 7:30 के पूर्व संपूर्ण प्रमाणित जानकारी दे दी गई थी 8:00 के पहले जिला वन मंडला अधिकारी के द्वारा एसडीएम मनसा वन विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दे दिए गए थे और यह जानकारी वन परीक्षेत्र अधिकारी रामपुरा को 8:30 के पूर्व प्राप्त हो गई थी जैसे ही वन परीक्षेत्र अधिकारी प्राप्त हुई तो वह सबसे पहले तथाकथित पत्रकार महोदय ने अपना वीडियो जो व्हाट्सएप स्टेटस पर लगाया था वह हटाया इससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कहीं ना कहीं से जानकारी तथाकथित पत्रकार महोदय को प्राप्त हुई उन्होंने स्टेटस भी हटाया और कछुए भी गायब किए इसके पश्चात वन परिश्रेत्र अधिकारी ने स्वयं फोन लगाकर निष्पक्ष आवाज को बताया मैं फिल्ड में गया हुआ था इस कारण अब एक्शन लेते हैं अब एक्शन क्या हुआ यह तो आप समझ ही गए स्टेटस का गायब होना स्थानीय वन विभाग द्वारा रात 11:30 बजे तथा कथित पत्रकार महोदय के घर जाना और पंचनामा बनाना और मौके पर कछुए का नहीं पाए जाना और तथाकथित पत्रकार महोदय को गाड़ी में बिठाकर वन विभाग के कार्यालय में लाना और वापस छोड़ देना और वारेट जारी करने की बात कहना यह स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है अपने कर्तव्य का दायित्व स्थानीय वन विभाग किस प्रकार करता है साच को कभी आच नहीं आती है यह कहावत इस प्रकरण में स्पष्ट रूप से झलक रही है तथाकथित पत्रकार महोदय का मोबाइल इसका स्पष्ट गवाह है वीडियो डाल रहे हैं 7000 मे बेचने की खुली बात कर रहे हैं जिला वन मंडला अधिकारी महोदय को सुचना के बाद स्थानीय वन परिश्रेत्र अधिकारी को जानकारी मिलने के बाद तत्काल कछुए की बिक्री का वीडियो हटाना 3 घंटे बाद मौके पर पहुंचना पंचनामा बनाना वारेंट जारी करने की बात कहना पत्रकार महोदय को वन विभाग के कार्यालय में लाना और वापस छोड़ देना स्थानीय वन विभाग के अधिकारी महोदय की कार्य प्रणाली को स्पष्ट रूप से परिलक्षित कर रहा है कि वे अपने कर्तव्य के प्रति कितने गंभीर और चिंतित है फील्ड से भाग कर आए और मौके पर पहुंचे और सब कुछ रफा दफा हो गया और जिला मंडल अधिकारी की कर्तव्य प्रणालिता और स्थानीय वन विभाग की कर्तव्य प्रणालिता की स्पष्ट रूप से वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को तुलना करना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करना चाहिए यहां यह भी उल्लेखनीय है तथा कथित पत्रकार महोदय कुछ दिनों पूर्व जेल यात्रा कर के पधारे हैं यह मामला अभी न्यायालय में विचार अधीन है लेकिन अपने विरुद्ध छपने वाले समाचार को रोकना और निष्पक्ष आवाज को दबाने के लिए सभी व्हाट्सएप ग्रुप में डरावनी फैट लगाकर डिलीट कराए दीये जाते हैं और निष्पक्ष आवाज को व्हाट्सएप ग्रुप में से रिमूव कर दिया जाता है और आज भी यही होगा और जिसको सत्य लिखने का साहस नहीं है वो सत्य लिख भी नहीं सकता और सुन भी नहीं सकता ऐसे अति महत्वकांक्षी तथाकथित पत्रकार महोदय है ये साहाब जो अफसरों को सलाम करने और अपना हित साधने में माहीर है जो इस घटना से स्पष्ट रूप से सिद्ध होता है निष्पक्ष आवाज से तारीका राठौर की रिपोर्ट मो.. 8085637812🖊️🖊️