जिला प्रशासन द्वारा एवं नगर पंचायत रामपुरा द्वारा अपने वैधानिक कर्तव्य का दायित्व नहीं निर्वाह करने के कारण कब्रस्तान का व्यवसायिक उपयोग करने एवं डिस्मेंटल कब्रस्तान का उचित उपयोग नगर पंचायत द्वारा भौतिक रूप से अपना कब्जा नहीं लिए जाने तथा नगर की शांति भंग नहीं हो इसको मध्य नजर रखते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका दायर किए जाने का निर्णय लिया गया नगर के खोजी एवं वरिष्ठ पत्रकार विनोद राठौर द्वारा मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव नगरी प्रशासन विकास विभाग के मुख्य सचिव जिला कलेक्टर नीमच नगर परिषद रामपुरा के सीएमओ सिया दाऊदी बोहरा जमात के श्री मुतलक सैफुददीन दरगाह मैनेजर सिया दाऊदी बोहरा सययदी बावा मुल्ला खान साहेब डाई मुतलक़ मुफददल सैफुददीन साहेब तफै मैनेजर मोहम्मद भाई हकीमुददीन लोखण्डवाला निवासी दरगाह रोड दरगाह परिसर रामपुरा को वादी बनाया जा रहा हैं रीट पीटीसन (याचिका) सर्वे नंबर 6354 जो की कब्रस्तान की भूमि है इस भूमि का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है व्यावसायिक उपयोग के लिए बनी दुकानें और भवन तोड़े जाने की राहत मांगी गई है तथा हाई कोर्ट की भी दरगाह मैनेजर द्वारा अवमानना की गई है क्योंकि 10 फीट ऊंची दीवारें निर्मित कर राहत पूर्व में मिली हुई है और माननीय हाई कोर्ट के इस आदेश का सहारा लेकर ही यहां मुर्दे दफनाए जा रहे हैं और दरगाह मैनेजर का दुरसाहस देखिए इस प्रकार माननीय हाईकोर्ट की अवमानना करते हुए चामुंडा माता रोड़ की और बनी दीवाले तोड़ कर आवासी भवन और दुकानें निर्माण करना यह कृत्य नगर पंचायत एवं दरगाह मैनेजर का स्पष्ट रुप से अपराधिक कृत्य है तथा भारतीय दंड विधान की धारा 420 120बी का अपराध बनता है इसी प्रकार नगर की आबादी के अन्दर सर्वे नंबर 3888,3890,43300, रेवेन्यू सर्वे नंबर 1242 तथा 6354,6356,6358,1265पर इन सभी कब्रस्तान को डिस्मेंटल घोषित कर अविभाजित मंदसौर जिले के कलेक्टर ने उनके न्यायालय के प्रकरण क्रमाक239,57/22/ 25अप्रेल 1961के द्वारा मध्य भारत नगर पालिका विधान 954 को धारा 172के अन्तर्गत बन्द करने का आदेश दिया गया है तथा 24/12/1961 उक्त सभी कब्रस्तानों को डिस्मेंटल घोषित किया जाकर उक्त सभी कब्रस्तानों की भुमियो का कब्जा शासन द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सौंप दिया गया था जिसमें सर्वे नम्बर 6354 जिसका व्यवसाई उपयोग दरगाह मैनेजर द्वारा किया जा रहा है लेकिन नगर पंचायत में बैठे जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और अदूरदर्शिता के कारण 63 वर्षों से वोटबैंक और आर्थिक आधार पर भाजपा और कांग्रेस का कोई भी जनप्रतिनिधि शासन हित और नगर हित में नगर के मध्य स्थित इन डिस्मेंटल कब्रस्तानों की भूमि का और करोड़ों की इन भूमियों का उपयोग नहीं कर पाए और बोहरा समाज के दरगाह मैनेजर ने कर लिया दिनांक 7/12/1961को सर्वे नम्बर 1757/1 5 एकड़ भूमि मुर्दे दफनाने के लिए दे दी गई आए दिन इन भूमियों को लेकर विवाद होते रहते हैं इस कारण इस नगर को अतिसंवेदनशील घोषित कर रखा है नगर पंचायत और एवं मध्य प्रदेश शासन समस्या का समाधान करने के बजाए व्यवस्था की अव्यवस्था को सत्य और तथ्य के उठाने वाले कलम कार को भी प्रताड़ित करता है इस कारण उच्च न्यायालय में रीट (याचिका) दायर करना पड़ रही है निष्पक्ष आवाज से तारीका राठौर की रिपोर्ट मो.8085637012